काव्य मंजूषा
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शुक्रवार, 28 मई 2021
साँसों का पहिया
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बीती रात एक परिचित की मृत्यु हुई सभी परिजन, मित्र, आस-पड़ोस मोहल्ले वाले शोक में डूब गये, जो कि स्वाभाविक है मैं भी, जो सख़्त मानता है ख़ुद ...
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शुक्रवार, 21 मई 2021
आदत हो जाने की आदत
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इंसानों की एक खराब आदत है हर चीज़ की आदत हो जाना कुछ ठीक-ठाक वक़्त बीतने के बाद एक चीज़ के साथ चाहे वो एक स्थिति-परिस्थिति हो या कम-ज़्यादा स...
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शुक्रवार, 14 मई 2021
प्रकृति का कर्ज़
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खरीदा हुआ दाना खरीदा हुआ पानी खरीदा हुआ अनल-अनिल खरीदी हुई धरणी इस उधार की ज़िंदगी में बड़ी खरीदारी कर ली हमने इस भ्रम में कि प्रकृति के कर्...
शुक्रवार, 7 मई 2021
दंगा
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जब कोई दंगा होता है तो कहर बरपता है अनगिनत मौतें होती हैं ज़िंदगियाँ पायमाल हो जाती हैं और उन सारी मौतों का हिसाब महज़ आँकड़ों से नहीं लगाया ...
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
पारस्परिक प्रेम
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तन यहाँ मन कहाँ-कहाँ प्रेम बिनु पंछी खिड़े जहाँ-तहाँ वो विवाहित या विवाहिता जिसके हिस्से प्रेम नहीं पड़ता बड़े अभागे कहलाते हैं यह और भी हृदय...
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