यही तुम्हारा सत्य है जो मान लो तुम
तुम्हें खुद से क्या चाहिये, जो ये जान लो तुम
किन बुलंदियों को छू लोगे इसका तुम्हें अंदाज़ा नहीं
इन बेड़ियों को अगर तोड़ दो तुम
चलो उठो, बनो विजयी हार ना मानो तुम
अकेले में अगर नंगा हो सको तुम
तन-मन के काले दाग जो देख सको तुम
छुपना- छुपाना, उघारना-ढांपना से दूर
नग्नता में अपनी सच्चाई जो देख सको तुम
चलो उठो, बनो विजयी हार ना मानो तुम
किसी की न सुनकर जो दिल की सुनो तुम
कोई गुरु, कोई संत नहीं
सबकी छोड़ जो अपनी करो तुम
सारे जग से भले बैरी हो जाओ तुम
पर जो खुद के सच्चे दोस्त बन सको तुम
चलो उठो, बनो विजयी हार ना मानो तुम
हालातों के मारे तो बहुतेरे हैं
परिस्थितियों के विरुद्ध जो डटकर लड़ सको तुम
हर किसी का रास्ता साफ नहीं होता
भटक कर ही सही, मंज़िल तक का पथ जो ढूंढ सको तुम
चलो उठो, बनो विजयी हार ना मानो तुम
हालातों के मारे तो बहुतेरे हैं
जवाब देंहटाएंपरिस्थितियों के विरुद्ध जो डटकर लड़ सको तुम .. बहुत सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
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