"हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी जिसको भी देखना हो, कई बार देखना" ~ निदा फ़ाज़ली

शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

अख़बार



अख़बार में ख़बर आई
एक बस पुल से नीचे गिरी, 29 की मौत 50 घायल
ये ख़बर मेरे लिए सिर्फ़ एक ख़बर ही थी
जो पढ़ भी लिया और नहीं भी, 
बस ऐसा कुछ
होता है ना ! आदतन यूँ ही...हम अख़बार के पन्ने पलटते हैं और
कुछ छोटी कुछ बड़ी ख़बर पढ़ते हैं
वो हमारे लिए महज़ एक 'पीस ऑफ इन्फॉर्मेशन' होती है
मगर इस बार ये ख़बर घर कर गई
जब पता चला इस हादसे में कोई अपना भी था
मानो या ना मानो, एक ख़बर होती है
महज़ स्याही से लिखे हुए कुछ अक्षर, कुछ शब्द
पर वही ख़बर बन जाती है संवेदनाओं का, भावनाओं का स्त्रोत
जब निकल जाते हैं उससे ताल्लुक़ात,
दूर के ही सही
अबके बार ये ख़बर हफ़्ते भर रही मेरे साथ
शायद कुछ और दिन ठहरती ग़र रिश्ता और क़रीबी होता
लेकिन 
फ़िर भी ज़िंदगी की अख़बार के सफ़हे पलटने तो थे
वही कुछ छोटी कुछ मोटी ख़बर
कुछ बड़ी कुछ तगड़ी ख़बर
जो पढ़ लिये और नहीं भी
जो सुन लिये और नहीं भी

1 टिप्पणी:

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