पर माफ़ करना उसे पूरी तरह अपना न सकी
लो हो गयी सुहागन, कर लिया ख़ुद को इश्क़-गली में बदनाम
पर माफ़ करना तेरे सिंदूरी इश्क़ को ठुकरा न सकी
लो कर दिया कल रात अपने जिस्म को नीलाम
पर माफ़ करना तुम्हारे प्यार को न कर सकी
लो दे दिया उसे छूने का हक़ रख के ताख पर दीन-ओ-ईमान
पर माफ़ करना तेरी छुअन को न भुला सकी
लो कर दिया अपने अधरों को किसी और के नाम
पर माफ़ करना तेरी अधरों के स्पर्श को बिसरा न सकी
लो अब रोज़ो-शब रहेगी महफ़ूज़ किसी और की हिफ़ाज़त में तुम्हारी जान
पर माफ़ करना तेरी बाहों की गिरफ़्त में मिला जो सुकून पा न सकी
लो दे दिया धोखा ख़ुद को भी और हो गयी उसकी तमाम
पर माफ़ करना फ़िर भी तेरा दर्जा उसे दे न सकी
लो कर ली कोशिश के लिख दूँ दिल पे किसी और का नाम
पर माफ़ करना मेरी धड़कनों पर है इक तेरा ही नाम,
इस बात को झुठला न सकी
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